Amazing Facts about Clouds in Hindi – बादलों के बारे में 17 बेहद रोचक तथ्य

Clouds in Hindi | बादलों के बारे में 17 बेहद रोचक तथ्य


बादल, आसमान की खूबसूरती में चार चाँद लगा देते है. कई बार तो बादलों में अजीब तरह की आकृति भी नजर आने लगती है. आज मैं आपको बादलों के बनने से लेकर, बादलों के चलने, उड़ने, फटने तक सब कुछ बता दूँगा. बस आप बने रहिए हमारे साथ…
1. बादल बनने में कुछ मिनट से लेकर कुछ घंटे तक लग सकते है. ये लंबे और चौड़े किसी भी आकार के हो सकते है।
2. बादल पानी की छोटी-छोटी बूंदो और बर्फ के क्रिस्टल से मिलकर बना होता है. बादल में जो पानी होता है वह समुंद्रो, नदियों, तालाबों और झीलों से आता है. यह पानी सूर्य की किरणों से गर्म होकर ऊपर उठता है, ऊपर आकाश में हवा ठंडी होती है वहाँ ये पानी की छोटी-छोटी बूंद बन जाता है. ये पानी की बूँद हवा में मौजूद धूल के छोटे-छोटे कण से चिपक जाती है और ऐसे ही अरबों बूँद चिपककर एक बादल का निर्माण करती है. जब इन बूंदो का वज़न ज्यादा हो छाता है तब ये आसमान से गिरने लगती है।
3. ऐसा नही है कि बादलों में वजन नही होता, एक बादल का वजन लगभग 5 लाख किलो यानि एक हवाई जहाज़ या 100 हाथियों के बराबर होता है. यह 1-1.5 किलोमीटर लंबा-चौड़ा हो सकता है.
Amazing Facts about Clouds in Hindi – बादलों के बारे में 17 बेहद रोचक तथ्य
Amazing Facts about Clouds in Hindi – बादलों के बारे में 17 बेहद रोचक तथ्य

4. बादल सूर्य की रोशनी को रिफ्लेक्ट करते है इसलिए सफेद दिखाई देते है।
5. धुंध भी एक तरह का बादल ही है और यह जमीन के बहुत करीब होता है. धुंध में चलना.. बादलों में चलने जैसा ही है।
6. बादल 146 फीट प्रति सेकंड की स्पीड से दौड़ सकते है यानि एक बादल को दिल्ली से मुंबई पहुंचने में 9 घंटे लगेगे।
7. बादल मुख्यतः 3 तरह के होते है: Cumulus cloud (3300 ft. तक), Stratus cloud (6000 ft. तक) और Cirrus cloud (16500 ft. तक) होते है।
8. जिस भी ग्रह पर वातावरण है वहाँ बादल है.. लेकिन पानी के नही. शुक्र ग्रह पर sulphur oxide और आपको जानकर हैरानी होगी कि शनि और बृहस्पति ग्रह पर अमोनियों के बादल है
9. फ्लाइट का लेट या रद्द होना ‘Cumulonimbus‘ बादलों की वजह से होता है. यह बिजली कड़काने से लेकर.. तूफान, ओले और कभी-कभी बवंडर भी लाने में सक्षम है।
10. नक्षत्रमंडल बादल (Noctilucent Clouds) 75 से 85 km की ऊँचाई पर होते है. ये इतने ऊँचे है कि रात को भी सूर्य की रोशनी को रिफ्लेक्ट करते रहते है।
11. ईरान में बादलों को भाग्यशाली माना जाता है. यहाँ किसी को आशीर्वाद देते समय ‘Your sky is always filled with clouds.’ कहा जाता है।
12. दुनिया में सबसे ज्यादा बादलों से घिरा हुआ स्थान अंटार्कटिक हिंद महासागर का साउथ अफ्रिका प्रिंस आइसलैंड है. यहाँ साल के 8760 घंटो में से सिर्फ 800 घंटे धूप निकलती है।
13. बादल स्लेटी क्यों हो जाते है?: जब अरबों पानी की बूंदो के साथ बादल बहुत मोटे हो जाते है तब सूर्य की रोशनी इनमें चमक नही पाती और ये स्लेटी नज़र आने लगते है. बादलों के स्लेटी होते ही हमे समझ जाना चाहिए कि बारिश होने वाली है।
14. गुरूत्वाकर्षण बल के कारण बादल नीचे क्यों नही गिरते?: बादल बहुत छोटी-छोटी यानि 1 माइक्रोन साइज़ जितनी बूंदो से मिलकर बना होता है. बूँद इतनी हल्की होने के कारण gravity को सही से रिस्पोंड नही करती और यही बात पूरे बादल पर भी लागू होती है।
15. आकाश में बादल चलते है या फिर पृथ्वी घूम रही है?: बादल चलते है और इनके चलने का कारण हवा है. धरती हमेशा एक ही दिशा में घूमती है लेकिन बादल नही. अगर बादल नही चलते तो ये भी पृथ्वी की तरह एक ही दिशा में घूमते. लेकिन हाँ, पृथ्वी का घूमना बादलों के चलने को थोड़ा बहुत प्रभावित जरूर करता है।
16. परमाणु बम के फटने पर मशरूम के आकार का बादल क्यों बनता है ?
परमाणु बम के फटने से बहुत अधिक मात्रा में हीट पैदा होती है और ये हीट अपने आस-पास के हवा को गर्म कर देती है. गर्म हवा का घनत्व कम होता है. ये गर्म हवा तेजी से ऊपर की तरफ जाने लगती है और अपने पीछे ट्यूब के आकार की जगह छोड़ती जाती है. ये इतनी ऊपर जाती है जहाँ हवा का घनत्व इसके बराबर हो.. फिर ये चारों यरफ फैलने लगता है और ऊपर की हवा गर्म हवा को नीचे की तरफ प्रेशर करती है.. जिससे ये फ्लैटर होकर एक मशरूम जैसा बन जाता है।
17. बादल फटता क्यूँ है?: जिस जगह पर 100mm यानि 4 इंच से ज्यादा बारिश हो जाए उसे बादल फटना कहते है. बादल फटने के कारण सबसे अधिक बाढ़ 8 January 1966 को गंगा डेल्टा में आई थी. इसका कुछ भाग भारत और कुछ बांग्लादेश में है. यहाँ 2329mm बारिश हुई थी. 1 July, 2016 को उतराखंड में बादल फटने से 1372mm बारिश हुई थी. जब गर्म हवा के कारण बूंदे नीचे की बजाय ऊपर उठने लगती है और जब ये बहुत बड़ी हो जाती है तो फिर बादल फटने की ज्यादा संभावना रहती है. अधिकतर बादल जमीन से 14000 फीट की ऊंचाई पर और पहाड़ो से टकराने की वजह से फटते है।
और कोई सवाल रह गया हो तो बतादो नीचे कमेंट में.

6 comments:

  1. बहुत ही तथ्यपरक जानकारी‎ भरा लेख
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  2. Thank you so much MEENA BHARDWAJ ji

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  3. बेहद रोचक प्रस्तुति ...

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  4. Superb article .....thanks for sharing this informative post with us....i think this one is the most interesting post on this blog...keep sharing this kind of articles with us again in future....

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